मोबाइल दिला सकती है आदिवासी सूरों को पहचान

अगर भारत को भाषाओं की धरोहर का खजाना कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति न होगी। विश्व के नक्शे पर शायद भारत ही एक ऐसा देश है जहां हर कोस पर भाषा में अलग रंगत, अलग अंदाज नज़र आता है, उनमें से एक है भाषा गोंडी। 2011 जनगणना में पाया गया कि देश में करीब 30…

मोबाइल पर स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा, सशक्तिकरण का कारगर हथियार

1950 में इंटरनेट की शुरुआत हुई तो इंटरनेट की दुनिया में क्रांति आते-आते चार दशकों का वक्त लग गया। मगर जब क्रांति आई तो इसका सकारात्मक असर पूरी दुनिया पर नज़र आया। जिसके चलते संचार के क्षेत्र में भी अप्रत्याशित बदलाव हमें देखने को मिले। एक क्लिक पर आपके हाथ विश्व की जानकारियों, संस्कृतियों का…